Biography of Dushyant Kumar in Hindi
दुष्यंत कुमार त्यागी (1933-1965) एक हिंदी कवि और ग़ज़लकार थे।
दुष्यंत कुमार का जन्म उत्तर प्रदेश में बिजनौर जिले की तहसील नजीबाबाद के राजपुर नवादा गाँव में हुआ था। जिस समय दुष्यंत कुमार ने साहित्य की दुनिया में अपने कदम रखे, उस समय भोपाल के दो प्रगतिशील कवियों, ताज भोपाली और कैफ भोपाली ने ग़ज़लों की दुनिया पर राज किया।
हिंदी में भी, उस समय, गजानन माधव मुक्तिबोध की अज्ञेय और कठिन कविताओं का बोलबाला था। उस समय नागार्जुन और धूमिल जैसे कुछ ही कवि आम आदमी के लिए बचे थे। इस समय, केवल 42 वर्षों के जीवन में दुष्यंत कुमार को अत्यधिक प्रसिद्धि मिली।
उनका साहित्यिक जीवन इलाहाबाद से शुरू हुआ। उन्होंने कई नाटक, कविताएँ, ग़ज़ल और लघु कथाएँ लिखी हैं। वह परिमल अकादमी ऑफ लिटरेचर की संगोष्ठी में भी सक्रिय रूप से काम कर रहे थे।
उन्होंने उस समय के महत्वपूर्ण भारतीय समाचार पत्र, आकाशवाणी और राजभाषा में नए पत्ते के साथ काम किया है। उनकी कविताएँ सीधे दिल को छूती हैं। डॉ। कुमार विश्वास और पुष्पेंद्र नागर जैसे कई नव-हिंदी कवि उनसे प्रेरित हैं।
दुष्यंत कुमार ने y जलते जंगल का झरना ’, 'सूर्य का स्वागत’, of आवाज़ों का घेरा ’, poison एक विषैला जहर’, question छोटे सवाल ’जैसी कविताएँ लिखीं। जिस समय दुष्यंत कुमार ने साहित्य की दुनिया में अपने कदम रखे, उस समय भोपाल के दो प्रगतिशील कवियों, ताज भोपाली और कैफ भोपाली ने ग़ज़लों की दुनिया पर राज किया।
दुष्यंत कुमार ने अपने 42 साल के जीवन में बहुत प्रसिद्धि प्राप्त की लेकिन 30 दिसंबर 1975 को भोपाल में उनका निधन हो गया। लेकिन इतनी कम उम्र में भी उन्होंने हिंदी और उर्दू साहित्य में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। उनकी वजह से ग़ज़ल को प्रसिद्धि मिली। वर्तमान में, उनकी शेरो और ग़ज़लें साहित्य और राजनीतिक कार्यक्रमों से भी जुड़ी हैं।
निदा फ़ाज़ली उनके बारे में लिखते हैं
"दुष्यंत की आंखें अपने युग की नई पीढ़ी के गुस्से और आक्रोश से सजी हुई हैं। यह रोष और आक्रोश राजनीति की नाइंसाफी और अन्याय के खिलाफ नए तेवरों की आवाज थी, जो समाज में मध्यम वर्ग की उग्रता के बजाय, कठिन परिश्रम और पिछड़े वर्ग की अनुकंपा वह स्वीकार करती है।
अमिताभ बच्चन के फैन
दुष्यंत कुमार ने बॉलीवुड मेगास्टार अमिताभ बच्चन को अपनी फिल्म 'देवर' के बाद एक पत्र लिखा और उनके प्रदर्शन की प्रशंसा करते हुए कहा कि "वह एक प्रशंसक बन गए हैं"। दुष्यंत कुमार का निधन वर्ष 1975 में हुआ था और उसी वर्ष उन्होंने अमिताभ को यह पत्र लिखा था।
यह दुर्लभ पत्र हाल ही में उनकी पत्नी राजेश्वरी त्यागी द्वारा इसी नाम से स्थापित संग्रहालय को सौंपा गया है। दुष्यंत कुमार और अमिताभ के पिता डॉ। हरिवंश राय बच्चन के बीच गहरा प्रेम था। उन्होंने फिल्म 'देवर' में अमिताभ की तुलना तत्कालीन सुपरस्टार शशि कपूर और शत्रुघ्न सिन्हा से भी की थी।
इस महान हिंदी साहित्यकार की विरासत को 'दुष्यंत कुमार मेमोरियल पांडुलिपि संग्रहालय' में सहेजा जा रहा है। उन्हें देखकर ऐसा लगता है कि साहित्य का एक युग यहां जीवित है।
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